एक समय की बात है। एक नगर में एक बहुत ही धनवान पुरुष अपनी पत्नी के साथ रहता था। दोनों धार्मिक स्वभाव के थे, परंतु धन के अहंकार के कारण वे किसी को दान-पुण्य या अतिथि-सत्कार नहीं करते थे। उनके घर में अपार धन-संपत्ति होते हुए भी लक्ष्मी का ठहराव नहीं था। कथा का आरंभ…

